आदर्श ग्राम एवँ कम्युनिटी विकास के लिए अद्वित मॉडल

कोई भी गाँव अपने आपमें पूरी तरह आत्मनिर्भर सामाजिक- सांस्कृतिक-आर्थिक इकाई बन सकती है | जनप्रतिनिधियों एवँ जन-पंचायतों के लिए यह एक आकर्षक प्रस्ताव…

आदर्श ग्राम एवँ कम्युनिटी विकास के लिए अद्वित मॉडल दूरगामी परिणाम देने वाला व्यावहारिक प्रोग्राम है, जो सोशियोनॉमिक्स के अलिखित सिद्धांतो पर आधारित है | आइए समझें कि यह मॉडल कैसे काम करता है |

  • आज गॉंव और शहर की “सोच” के बीच फासले समाप्त हो गए हैं – ऐसा दो कारणों से हुआ है – (1) सभी की महत्वाकांक्षाएँ ऊँची हैं;  और (2) टेक्नोलॉजी के कारण सभी सुविधाएँ, जो शहर में उपलब्ध है, वे गॉंव में भी उपलब्ध हैं | शहर और गाँव में यदि कोई भिन्नता है तो सिर्फ अवसरों की; या कम-से-कम जब तक हम ऐसा सोचते हैं (क्योंकि गावों में भी अनेक अवसर होते हैं और अनेक अवसर पैदा किए जा सकते हैं )
  • पलायन अर्थात माइग्रेशन शायद हमारी डीएनए में है – महत्वाकांक्षाओं के चलते और अवसर की तलाश में | जो छोटे गाँव में हैं वे कस्बों की तरफ, जो कस्बों में है वे छोटे शहरों की तरफ; जो छोटे शहरों में हैं वे बड़े शहरों की तरफ और जो बड़े शहरों में है वे विदेश कूच करने की सोच रहे हैं | आज लगभग हर शहर की आधी जनसंख्या आसपास / बाहर से आए हुए लोगों की होती है | ऐसी आबादी में विशिष्ट तरह का खामोश तनाव होता है – जिसकी जड़ में होता है अधिक महत्वाकांक्षा लेकिन उस महत्वाकांक्षा के अनुरूप स्किल्स का ना होना |
  • आदर्श कम्युनिटी सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं बनती – सुंदर सड़कें, बगीचे और लोगों के रहन-सहन के लिए घर बना देने से आदर्श ग्राम या आदर्श कम्युनिटी नहीं बन जाती |

इन तीन बातों का ध्यान रखते हुए आदर्श ग्राम एवँ कम्युनिटी विकास के लिए अद्वित मॉडल के तीन स्तम्भ हैं

  1. महत्वाकांक्षाओं और अवसरों के अनुरूप लोगों का विकास करना – “व्यक्ति” को हम सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर मान सकते हैं और यह बात सही भी है | व्यक्ति विकास के बिना सिर्फ हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर (सड़क, बिजली-पानी, अस्पताल-स्कुल की इमारतें आदि ) डेवलप करके बात नहीं बनती |
  2. व्यक्ति विकास के लिए औपचारिक शिक्षा के बाहर भी बहुत कुछ है – इन्ही बातों और विषयों को हम अद्वितीय डिजिटल मैगज़ीन की आजीवन सदस्यता के माध्यम से उपलब्ध करा देते हैं |
  3. गाँव या लोकल कम्युनिटी में ही नए अवसर पैदा करना – क्षेत्रीय विशिष्टता का अध्ययन करके संभावनाओं पर आधारित अनेक सामाजिक-आर्थिक प्रोजेक्ट डेवलप किए जा सकते हैं – उदाहरण के लिए
  • कृषि और गौशाला को रोचक बनाया जा सकता है
  • प्रगतिशील स्कुल या स्किल सेंटर की संकल्पना की जा सकती है
  • गाँव को एक सोलर सिटी – cum -हेल्थ रिज़ॉर्ट में परिवर्तित किया जा सकता है
  • स्व-सहायता ग्रुप बनाकर गाँव के उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किए जा सकते हैं
  • गाँव के आसपास टूरिस्ट स्पॉट डेवेलोप किया जा सकता है |

सारांश यह कि कोई भी गाँव अपने आपमें पूरी तरह आत्मनिर्भर सामाजिक- सांस्कृतिक-आर्थिक इकाई बन सकती है | कैसे? नीचे (+) पर क्लिक करतके थोड़ा विस्तार जाने –

यह ग्राम स्तर के स्वावलंभन के लिए अद्वित का सांकेतिक indicative प्रारूप है | आवश्यकतानुसार इस प्रारूप में परिशोधन किया जाएगा

  • ग्राम / क्लस्टर में आकांक्षा और कौशल के बीच के अंतर का आकलन, क्षेत्र की सामाजिक-सांस्कृतिक विशिष्टता और वी-SWOT एसडब्ल्यूओटी का आकलन
  • भाषा कौशल, रोजगार कौशल और आत्म-निर्भरता कौशल के लिए स्कूलों और कॉलेजों को गोद लेना
  • एसएमबी उद्यमियों की सहायता करना और व्यक्तिगत/सहकारी/प्रथम-प्रयास उद्यमियों का एक समूह बनाना
  • आत्म-निर्भरता और वित्तीय कौशल के लिए परिवारों को गोद लेना और प्रशिक्षण देना
  • स्वाभिमान और आत्मसम्मान की भावना पैदा करने के लिए गाँव/गाँवों के समूह की ब्रांडिंग।
  • स्थानीय नेतृत्व की क्षमता और निर्णय के आधार पर, ग्राम / क्लस्टर को संभावनाओं और सहयोग के बड़े पारिस्थितिकी तंत्र ecosystem से जोड़ना।

जनप्रतिनिधियों एवँ जन-पंचायतों के लिए यह एक आकर्षक प्रस्ताव है, जिस पर वे अवश्य विचार करें |

अद्वित के साथ काम करना सरल है – (1) गॉंव / क्लस्टर का चयन करें >> (2) ट्रेनिंग प्राप्त करें >> (3) प्रोजेक्ट आरम्भ करें |

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क: +91 84335 60250 या care@addwit.org

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